बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 4
भारतीय समाज का अध्ययन करने हेतु भारतीय विधा,
ऐतिहासिक, संरचनात्मक एवं कार्यात्मक परिप्रेक्ष्य
(Indological, Historical, Structural and Functional
Perspectives to Study Indian Society)
जब हम 'समकालीन भारतीय समाज के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं तो हमारे मस्तिष्क में स्वभाविक रूप से भारतीय समाज के सामाजिक ऐतिहासिक आधार को जानने की 'जिज्ञासा होती है। भारतीय समाज के सामाजिक ऐतिहासिक आधारों को समझने से हमारी इस जिज्ञासा की पूर्ति तो होती है साथ ही साथ समकालीन भारतीय समाज के अन्य अनेक गत्यात्मक पहलू भी उजागर होते हैं। समकालीन भारत में इन सामाजिक ऐतिहासिक आधारों को जानने के पूर्व हमें संक्षेप में यह समझ लेना नितान्त आवश्यक हो जाता है कि भारत का नाम 'भारत व भारतवर्ष' क्यों पड़ा?
'भारतवर्ष क्या है' से हमारा तात्पर्य विशेष रूप से यह है कि इस देश का नाम भारतवर्ष क्यों पड़ा, जो हिमालय से लेकर हिन्द महासागर तक विस्तृत महाद्वीप भारतवर्ष' अर्थात् 'भारत' देश के नाम से विख्यात है।
भारतवर्ष का दूसरा नाम इस देश के आक्रमणकारियों, फारस निवासियों एवं यूनानियों द्वारा रखा गया था। उन्होंने 'सिन्धु या इण्डस' नदी के नाम के आधार पर इस देश का नाम 'इण्डिया' या 'हिन्दुस्तान' अर्थात् 'सिन्धु का प्रदेश' रखा।
भारतीय समाज व भारतीय सामाजिक संगठन विभिन्न आधार पर आधारित है जिनके कारण वह अन्य समाजों विशेष तौर से पाश्चात्य समाजों, मुस्लिम समाजों आदि से भिन्न है।
धर्म का आशय 'आचरण की संहिता' या 'सभ्यता' द्वारा भी प्रकट किया जा सकता है। समाजशास्त्रीय दृष्टि से धर्म को दो अर्थों में स्पष्ट किया जा सकता है दर्शन' अर्थ है तथा द्वितीय इसका 'सामाजिक-नैतिक अर्थ है।
|
- अध्याय - 1 भारतीय समाज की संरचना एवं संयोजन : गाँव एवं कस्बे
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 2 नगर और ग्रामीण-नगरीय सम्पर्क
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 3 भारतीय समाज में एकता एवं विविधता
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 4 भारतीय समाज का अध्ययन करने हेतु भारतीय विधा, ऐतिहासिक, संरचनात्मक एवं कार्यात्मक परिप्रेक्ष्य
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 5 सांस्कृतिक एवं संजातीय विविधताएँ: भाषा एवं जाति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 6 क्षेत्रीय, धार्मिक विश्वास एवं व्यवहार
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 7 भारत में जनजातीय समुदाय
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 8 जाति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 9 विवाह
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 10 धर्म
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 11 वर्ग
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 12 संयुक्त परिवार
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 13 भारत में सामाजिक वर्ग
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय- 14 जनसंख्या
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 15 भारतीय समाज में परिवर्तन एवं रूपान्तरण
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 16 राष्ट्रीय एकीकरण को प्रभावित करने वाले कारक : जातिवाद, साम्प्रदायवाद व नक्सलवाद की राजनीति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला